Wednesday, October 16, 2024

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आत्मनिर्भर भारत और हथकरघा उद्योग 

 कुरुक्षेत्र: आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में हथकरघा उद्योग महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। कुरुक्षेत्र के खादी ग्रामोद्योग मिर्जापुर में बन रहे कपड़ों की मांग में खूब इज़ाफा हुआ है और खादी से बने कपड़ो को खूब पसंद किया जा रहा है। देश में हथकरघा आज सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला उद्योग है। पिछले कुछ वर्षों मे हथकरघा से बने उत्पादों की मांग बाजार में खूब बढ़ गई है। हथकरघा को उद्योग बनाकर लोगों को स्वावलंबी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे खादी सुधार कार्यक्रमों का तेज़ी से विस्तार हुआ है।

हथकरघा क्षेत्र देश की शानदार सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है और देश में आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। यह क्षेत्र महिला सशक्तिकरण के लिए भी अति महत्वपूर्ण है। खादी ग्रामोद्योग की बुनकर अलीशा ने बताया कि बुनाई उनका पुश्तैनी काम है जो आजीविका के साथ उनकी पसंद भी बन गया है। बुनकर रईश ने बताया कि उनके द्वारा बनाए गए खादी के कपड़ों को लोग खूब पसन्द कर रहे हैं।

खादी के ये कपड़े किसी भी मायने में ब्रांडेड और विदेशी कपड़ों से कमतर नहीं है। खादी ग्राम उद्योग मिर्जापुर के सचिव सतपाल सैनी ने बताया कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान से हथकरघा से बने कपड़ो की मांग कई गुना बढ़ गई है। यह बड़ी खुशी की बात है कि सरकार हथकरघा उद्योग को लगातार बढ़ावा दे रही है। कताई का काम करने वाली बुनकर कविता ने कहा कि उनके काम को लगातार पसंद किया जा रहा है। इसी काम की बदौलत उन्हें 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नेशनल अवार्ड प्रदान किया गया जो उनके लिए सम्मान की बात है। सतपाल सैनी सचिव, खादी ग्राम उद्योग मिर्जापुर,कुरुक्षेत्र रईश बुनकर अलीशा बुनकर कविता बुनकर (नेशनल अवार्डी)

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