भारत की विविधता, व्यापकता, क्षमता, संभावना और प्रदर्शन वैश्विक अनुप्रयोगों के लिए भारतीय समाधानों का मार्ग प्रशस्त करते हैं: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी स्थान हासिल कर रहा है: श्री प्रल्हाद जोशी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात के गांधीनगर के महात्मा मंदिर में चौथे वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन एवं एक्सपो (री-इन्वेस्ट) का उद्घाटन किया। तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में भारत की 200 गीगावाट से अधिक स्थापित गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता की उल्लेखनीय उपलब्धि में महत्वपूर्ण योगदानकर्ताओं को सम्मानित किया जाएगा। श्री मोदी ने सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की कंपनियों, स्टार्ट-अप और उद्योग जगत के प्रमुख दिग्गजों के अत्याधुनिक नवाचारों को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की विविधता, व्यापकता, क्षमता, संभावना और प्रदर्शन सभी अद्वितीय हैं और वैश्विक अनुप्रयोगों के लिए भारतीय समाधानों का मार्ग प्रशस्त करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का मानना है कि भारत 21वीं सदी का सर्वाधिक संभावनाओं वाला देश है।” पिछले एक महीने में भारत द्वारा आयोजित वैश्विक कार्यक्रमों को याद करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट का आयोजन किया गया। दुनिया भर के लोगों ने पहले अंतर्राष्ट्रीय सौर महोत्सव, ग्लोबल सेमीकंडक्टर शिखर सम्मेलन में भाग लिया। भारत ने दूसरे एशिया-प्रशांत नागर विमानन मंत्रिस्तरीय सम्मेलन की भी मेजबानी की और आज भारत हरित ऊर्जा के सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत पेरिस में निर्धारित जलवायु प्रतिबद्धताओं को प्राप्त करने वाला पहला जी-20 देश है, वह भी समय सीमा से 9 साल पहले। श्री मोदी ने 2030 तक 500 गीगावाट अक्षय ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश के लक्ष्यों के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि सरकार ने हरित परिवर्तन को जन आंदोलन में बदल दिया है। उन्होंने रूफटॉप सोलर के लिए भारत की अनूठी योजना- पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का अध्ययन करने का सुझाव दिया। इसके तहत सरकार प्रत्येक परिवार के लिए रूफटॉप सोलर सेटअप के लिए धन मुहैया कराती है और स्थापना में मदद करती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस योजना के माध्यम से भारत का हर घर बिजली उत्पादक बन जाता है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत 1 करोड़ 30 लाख से अधिक परिवारों ने पंजीकरण कराया है और अब तक 3.25 लाख घरों में स्थापना का काम पूरा हो चुका है। श्री मोदी ने यह भी कहा कि पीएम सूर्य घर योजना रोजगार सृजन और पर्यावरण संरक्षण का माध्यम बन रही है, जिससे लगभग 20 लाख रोजगार पैदा हो रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बताया कि सरकार का लक्ष्य इस योजना के तहत 3 लाख युवाओं को कुशल जनशक्ति के रूप में तैयार करना है। इनमें से एक लाख युवा सोलर पीवी तकनीशियन होंगे। उन्होंने जलवायु परिवर्तन से निपटने में प्रत्येक परिवार के योगदान को ध्यान में रखते हुए कहा, “प्रति 3 किलोवाट सौर बिजली का उत्पादन 50-60 टन कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को रोकेगा।”
केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने सभा को संबोधित करते हुए उद्घाटन भाषण में इस बात पर जोर दिया कि किस तरह श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी स्थान प्राप्त कर रहा है। उन्होंने सभी हितधारकों से भारत के जीवंत और तेजी से बढ़ते नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश करने की अपील भी की। उन्होंने भारत में नवीकरणीय ऊर्जा की अपार संभावनाओं का दोहन करने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
श्री जोशी ने री-इन्वेस्ट मीट में भाग लेने वाले राज्यों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, हमारे राज्य न केवल हरित भविष्य के लिए भारत के सामूहिक दृष्टिकोण पर जोर देते हैं, बल्कि अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने और उसे बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। श्री प्रल्हाद जोशी ने देश में स्थापित गैर-जीवाश्म बिजली क्षमता को 200 गीगावाट से अधिक करने में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए राज्यों और उद्योगों को भी बधाई दी। अन्य राज्यों से आग्रह किया कि वे नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की सफलता की कहानियों से सीखें और अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप उन्हें अपनाएं।
इस अवसर पर गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और गोवा के मुख्यमंत्री सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
चौथा वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन और एक्सपो (री-इन्वेस्ट) नवीकरणीय ऊर्जा निर्माण और उपयोग में भारत की शानदार प्रगति को प्रदर्शित करने के लिए तैयार है। इसमें ढाई दिन का सम्मेलन होगा, जिसमें दुनिया भर से प्रतिनिधि भाग लेंगे। उपस्थित लोग मुख्यमंत्री स्तरीय बैठक, सीईओ गोलमेज सम्मेलन और अभिनव वित्तपोषण, हरित हाइड्रोजन एवं भविष्य के ऊर्जा समाधानों पर विशेष चर्चाओं सहित एक व्यापक कार्यक्रम में भाग लेंगे। इस आयोजन में जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क और नॉर्वे भागीदार देशों के रूप में भाग ले रहे हैं। गुजरात मेजबान राज्य है और आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश भागीदार राज्यों के रूप में भाग ले रहे हैं।
एक प्रदर्शनी भी आयोजित की जा रही है, जिसमें सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों, स्टार्ट-अप और उद्योग जगत के प्रमुख दिग्गजों के अत्याधुनिक नवाचारों को प्रदर्शित किया जाएगा। यह प्रदर्शनी एक स्थायी भविष्य के लिए भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करेगी।
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