Thursday, December 5, 2024

Latest Posts

छात्रों को अपने कौशल और नवाचार को निखारने के लिए पिछले महीने आयोजित स्पेस हैकथॉन की समीक्षा की गई

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने विभिन्न विज्ञान मंत्रालयों और विभागों की मासिक संयुक्त बैठक बुलाई

भू-स्थानिक भुवन पोर्टल से संबंधित तकनीकी प्रश्नों पर 30 घंटे का हैकथॉन पिछले महीने फरीदाबाद में आईआईएसएफ-2023 के एक भाग के रूप में आयोजित किया गया

डॉ. जितेंद्र सिंह ने अपनी तरह के पहले स्पेस हैकथॉन को मिली व्यापक  प्रतिक्रिया पर संतोष व्यक्त किया

विज्ञान सचिवों की बैठक में अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन के संचालन की सराहना की गई

Delhi: 11 FEB 2024

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज नई दिल्ली में विभिन्न विज्ञान मंत्रालयों और विभागों की मासिक संयुक्त बैठक बुलाई, जिसमें उन्होंने अन्य एजेंडा विषयों के अलावा छात्रों को अपने कौशल और नवाचार के प्रयासों को तेज करने के लिए पिछले महीने आयोजित स्पेस हैकथॉन की समीक्षा की।

भू-स्थानिक भवन पोर्टल से संबंधित तकनीकी मुद्दों, जैसे अंतरिक्ष से संबंधित चुनौतियों, पर 30 घंटे का हैकथॉन पिछले महीने 17 से 20 जनवरी 2024 तक डीबीटीटीएचएसटीआई, फरीदाबाद में भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव – 2023 (आईआईएसएफ-2023) के हिस्से के रूप में आयोजित किया गया था।

अपनी तरह के पहले अंतरिक्ष (स्पेस)  हैकथॉन के लिए मिली व्यापक  प्रतिक्रिया पर संतोष व्यक्त करते हुए, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने इस तथ्य की सराहना की कि एक महीने की अवधि में 4,000 से अधिक टीमों को पंजीकृत किया गया था। फ़रीदाबाद में इसके ग्रैंड फिनाले के लिए 57 टीमों को शॉर्टलिस्ट किया गया था।

विभिन्न विज्ञान मंत्रालयों और विभागों की उच्च स्तरीय संयुक्त बैठक में विज्ञान और प्रौद्योगिकी (डीएसटी), जैव प्रौद्योगिकी (डीबीटी) , वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), पृथ्वी विज्ञान, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा विभाग के प्रतिनिधि शामिल थे।

 

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी  मंत्री को सूचित किया गया कि भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ)  के आयोजन स्थल पर 30 घंटे की कठिन हैकथॉन के समापन के बाद  प्रारंभिक निर्णायक मंडल (जूरी) ने शीर्ष 24 टीमों को शॉर्टलिस्ट किया। मुख्य निर्णायक मंडल (जूरी)  ने पिच प्रस्तुति के लिए 16 टीमों का चयन किया और अंत में चार टीमों को विजेता घोषित किया गया और उनके विचारों को इसरो द्वारा समर्थन दिया जाएगा। इसके अलावा 11 उपविजेता भी घोषित किये गये।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने आईआईएसएफ-2023 की शानदार सफलता के लिए सभी वैज्ञानिक विभागों की भी सराहना की, जिसमें 11,000 से अधिक प्रतिनिधियों सहित लगभग 35,000 प्रतिभागियों ने भाग लिया। चार दिवसीय विज्ञान उत्सव में सात राज्यों के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रियों, 27 राज्य अधिकारियों और सचिवों और 75 प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया था।

विज्ञान सचिवों की मासिक बैठक में 5 फरवरी 2024 को अधिसूचना जारी करने के साथ ही अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एनआरएफ) के संचालन में शामिल जमीनी काम के लिए विभागों की सराहना की गई। डॉ. जितेंद्र सिंह ने सुझाव दिया कि डीएसटी अनुसंधान एनआरएफ के लिए प्रतिक चिन्ह (लोगो) की खोज कर सकता है।

 

डॉ. जितेंद्र सिंह को बताया गया कि विभिन्न विज्ञान विभागों की सभी फेलोशिप्स  के लिए डिज़ाइन किए जा रहे एकल (वन) पोर्टल के लिए एक प्रदर्शन आयोजित किया गया था। विद्वानों के लिए प्रारम्भ (लॉन्च)  करने से पहले अब राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसी) द्वारा इस पोर्टल का सुरक्षा आकलन (ऑडिट) किया जा रहा है।

बैठक में विभिन्न सरकारी विभागों और संस्थानों में अनुसंधान वैज्ञानिकों की सेवा शर्तों के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने नई उपलब्धियों और अन्वेषणों/आविष्कारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हाल ही में स्थापित विज्ञान मीडिया संचार केंद्र (एसएमसीसी) को भी सक्रिय करने का आह्वान किया। उन्होंने समाचार योग्य उपलब्धियों के आसान प्रवाह के लिए प्रयोगशालाओं और विभागों के सभी नोडल अधिकारियों की एक कार्यशाला आयोजित करने का निर्देश दिया।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री को सूचित किया गया कि इस वर्ष जी 20 प्रेसीडेंसी का मेजबान होने के नाते ब्राजील ने जी 20 जैवप्रौद्योगिकी (बायोइकोनॉमी) पहल तैयार करने के लिए ड्राफ्ट मांगे हैं और पहली विशेषज्ञ बैठक आगामी 13-14 मार्च को ब्राजील में होगी।

आज की बैठक ठहराव (सिलोस) को तोड़ने और विभिन्न वैज्ञानिक धाराओं के बीच एक सहक्रियात्मक एकीकृत दृष्टिकोण विकसित करने के लिए डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा शुरू की गई विज्ञान सचिवों की मासिक समीक्षा बैठकों के रूप में आयोजित की गई थी।

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, डॉ. अजय के सूद, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) की सचिव और वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की महानिदेशक, डॉ. एन कलाईसेल्वी; विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग  (डीएसटी) के सचिव, प्रोफेसर अभय करंदीकर; जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के सचिव  डॉ. राजेश एस गोखले और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन ने इस विचार-विमर्श में भाग लिया।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, सीएसआईआर, पृथ्वी विज्ञान, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसआरओ-इसरो) और परमाणु ऊर्जा सहित विज्ञान मंत्रालयों एवं  विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में उपस्थित थे।

Latest Posts

spot_imgspot_img

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.