मुंबई, 26 मार्च’24– दक्षिण एशिया की प्रमुख एक्सप्रेस एयर और एकीकृत परिवहन एवं वितरण कंपनी- ब्लू डार्ट को एक अभूतपूर्व यूनिफाइड शिपिंग एपीआई सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म के लॉन्च की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। इस प्लेटफॉर्म को विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के साथ-साथ पूरे भारत में बड़े उद्यमों को सशक्त बनाने और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी उनकी तमाम जरूरतें पूरी करने के हिसाब से तैयार किया गया है।
इस अभिनव औजार को परिचालन कार्यदक्षता पर ध्यान केंद्रित करने के साथ, अपने फर्स्ट माइल डिस्पैच को प्रबंधित करने में छोटे, मध्यम और बड़े प्रतिष्ठानों के सामने आने वाली खास तरह की चुनौतियों का डिजिटलीकरण के माध्यम से समाधान करने के लिए डिजाइन किया गया है। ब्लू डार्ट का लक्ष्य यह है कि परिचालन को सुव्यवस्थित करके और उद्यम के हर सेगमेंट में विकास को बढ़ावा देकर, कारोबारों द्वारा अपने शिपमेंट संभालने के तरीकों में तब्दीली लाई जाए।
ब्लू डार्ट eShipz.com द्वारा पेश किए गए अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म को लॉजिस्टिक्स के अपने मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ एकीकृत करेगी। यह एकीकरण डिस्पैच के उन्नत औजारों तक पहुंच प्रदान करेगा, जिससे बिक्री के प्लेटफार्मों, बाज़ारों, ऑर्डर प्रबंधन प्रणालियों, गोदाम प्रबंधन प्रणालियों और शिपकर्ताओं की उद्यम संसाधन नियोजन प्रणालियों के साथ निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी।
इस पेशकश को लेकर ब्लू डार्ट के मैनेजिंग डायरेक्टर, बॅलफर मैनुअल का कहना है, “इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से, हमारा लक्ष्य यह है कि एमएसएमई और बड़े उद्यमों की क्षमताएं बढ़ाई जाएं, जिससे उन्हें अपनी आपूर्ति श्रृंखला की प्रक्रियाओं को अनुकूलित करने तथा अपने-अपने उद्योगों में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त हासिल करने के काबिल बनाया जा सके। हम एमएसएमई को न केवल भारत में, बल्कि उन्हें वैश्विक स्तर पर पहुंचने लायक बनाने के लिए, उनकी तरक्की और कामयाबी में सहायता करने को समर्पित हैं।”
इस साझेदारी पर eShipz.com के को-फाउंडर और सीएमओ, शिवदीप महादी ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, “ब्लू डार्ट के साथ हुई हमारी भागीदारी, तकनीक के माध्यम से कारोबारों को सशक्त बनाने वाले हमारे मिशन के साथ पूरी तरह मेल खाती है।”
ब्लू डार्ट की बेजोड़ पहुंच इसकी मुख्य यूएसपी है, जो पूरे देश में 56,000 से अधिक जगहों तक पहुंच प्रदान करती है और डीएचएल ग्रुप के सहारे यह दुनिया भर के 220 देशों व क्षेत्रों में फैली हुई है।