भारत – वैश्विक विधायी संवाद और सहयोग हेतु एक ऐतिहासिक आयोजन में, देश भर के विधायकों, एम.एल.सी. और राज्य विधानसभाओं के स्पीकरों सहित 50 भारतीय विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने लुइविल, केंटकी, अमरीका में नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ स्टेट लेजिस्लेचर (एन.सी.एस.एल.) के विधायी शिखर सम्मेलन में भाग लिया। यह दौरा श्री राहुल वी. कराड और एन.सी.एस.एल. की एक पहल, नेशनल लेजिस्लेटर्स कॉन्फ्रेंस (एन.एल.सी.) भारत के बीच सहयोग का एक हिस्सा थी।
एन.सी.एस.एल. विधान शिखर सम्मेलन 2024 में भारत के प्रमुख विधायकों ने भाग लिया, जिन्होंने विश्वस्तर पर विधायी चर्चाओं में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उल्लेखनीय सहभागियों में श्री ए.एन. शमसीर (केरल के माननीय अध्यक्ष), श्री यू.टी. खादर फ़रीद (कर्नाटक के माननीय अध्यक्ष), श्री थॉमस ए संगमा (मेघालय के माननीय अध्यक्ष), श्री कुलतार सिंह संधवाँ (पंजाब के माननीय अध्यक्ष) और श्री रुद्रप्पा मनप्पा लमानी (कर्नाटक के माननीय उपाध्यक्ष) शामिल थे। उनके साथ दिल्ली से श्री जरनैल सिंह, श्री विशेष रवि और श्री राजेश गुप्ता, उत्तर प्रदेश से श्री संजय कुमार शर्मा, श्री धीरेंद्र सिंह और श्री दिलीप कुमार पांडे और पंजाब से डॉ. रवजोत सिंह, श्रीमती नीना मित्तल, श्री सुखवीर सिंह, श्री अमृतपाल सिंह सिद्धू और श्रीमती जीवन ज्योत कौर सहित अन्य प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल हुए; जो विभिन्न राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
पंजाब विधान सभा की माननीय सदस्य जीवन ज्योत कौर ने कहा, “मैं इस असाधारण मंच प्रदान करने के लिए श्री राहुल कराड की अत्यधिक सराहना करती हूँ। यह शिखर सम्मेलन एक नई जानकारी प्राप्त करने वाला अनुभव रहा है, जिसने सहयोगात्मक विधायी संबद्धता के लिए एक नया मानक स्थापित किया है। विभिन्न राजनीतिक पृष्ठभूमि से आनेवाले विधायकों को एक साथ मिलाकर, यह पहल भारत की प्रगति के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण को और भी बेहतर बना देती है। विभिन्न विधायी तौर-तरीक़ों और अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोणों से परिचित होना बहुमूल्य रहा है, जिससे साधारण चुनौतियों का समाधान करने और सार्थक सुधारों को बेहतर बनाने की हमारी क्षमता बढ़ी है।”
उत्तर प्रदेश विधान सभा की माननीय सदस्य डॉ. सुरभि ने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय संवाद के माध्यम से लोकतंत्र को तटस्थ बनाने का एन.एल.सी. भारत का दृष्टिकोण बहुत प्रभावशाली रहा है। इस शिखर सम्मेलन ने विशेष रूप से डिजिटलिकरण के अत्याधुनिक तौर-तरीक़ों और प्रभावशाली कथाओं के सृजन की रणनीतियों को समझने में एक समृद्ध जानकारीपूर्ण अनुभव प्रदान किया। अमेरिकी सत्रों से प्राप्त ज्ञान सहायक होगा क्योंकि हम भारत में अपनी विधायी प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने के लिए इन जानकारियों को अपनाते हैं। मैं साथी विधायकों को भविष्य के कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए दृढ़ता से प्रोत्साहित करती हूँ ताकि इसी तरह की मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्राप्त हो और हमारी सामूहिक उन्नति में योगदान दिया जा सके।”
श्री राहुल वी. कराड – कार्यकारी अध्यक्ष, एम.आई.टी.-डब्ल्यू.पी.यू. ने कहा, “एन.सी.एस.एल. विधान शिखर सम्मेलन 2024 पूरे विश्व के विधायी संबंधों को सशक्त बनाने की हमारी यात्रा में एक महत्वपूर्ण क्षण का प्रतिनिधित्व करता है। इस शिखर सम्मेलन में हमारी भागीदारी ने न केवल विविध शासन प्रथाओं की हमारी जानकारी को और भी बढ़ाया है, बल्कि भारत में लोकतांत्रिक संस्थानों को और भी बेहतर बनाने के लिए हमारी प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की है। अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ आपसी चर्चाओं और सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करके, हमने बहुमूल्य जानकारी प्राप्त की है जो हमारे विधायकों को अपने राज्यों में प्रभावशाली परिवर्तनों को लागू करने में सक्षम बनायेगी, जिससे हमारे देश में प्रगति और विकास को बढ़ावा मिलेगा।”
शिखर सम्मेलन का एक मुख्य आकर्षण केंटकी स्टेट कैपिटल बिल्डिंग में प्रतिनिधिमंडल का दौरा था, जहाँ उन्होंने विभिन्न अमेरिकी राज्यों की विधायी संरचनाओं और प्रक्रियाओं के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्राप्त की। इस अनुभव ने शासन और विधायी प्रथाओं की उनकी समझ को समृद्ध किया, जिससे राजनीतिक प्रणालियों की विविधता के लिए गहरी प्रशंसा को बढ़ावा मिला।
एन.सी.एस.एल. विधान शिखर सम्मेलन 2024 में अनेक ज्ञानवर्धक सत्र, पारस्परिक कार्यशालायें आयोजित की गईं और नेटवर्किंग के अवसर प्रदान किए गए। “शिक्षा का भविष्य: उत्कृष्टता के लिए एक दृष्टिकोण का सृजन करना” शीर्षक वाले सत्र में भविष्य के लिए तैयार छात्रों और स्कूलों को सहयोग प्रदान करने वाली नीतियों और तौर-तरीक़ों के बारे में चर्चा शामिल थी। नवीनतम तकनीकों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, “ए.आई. 101: अवसरों और चुनौतियों को समझना” पर सत्र ने प्रतिभागियों को इस तकनीक, इसके वर्तमान अनुप्रयोगों और ए.आई. द्वारा प्रस्तुत अवसरों और चुनौतियों को संतुलित करने के लिए राज्यों द्वारा अपनाये जा रहे दृष्टिकोणों की आधारभूत जानकारी प्राप्त करने में मदद की।
“ए.आई.-सक्षम कार्यबल का निर्माण” विषय वाले एक अन्य सत्र में विशेषज्ञों ने प्रत्येक छात्र के लिए भविष्य के रास्ते तैयार करने और आने वाले समय के रोज़गारों की ओर ले जाने वाले गुणवत्तापूर्ण डिग्री-रहित प्रमाणनों को बढ़ावा देने के प्रयासों पर चर्चा की। “मतदाता विश्वास के लिए संचार” सत्र में, प्रतिभागियों ने चुनावों से पहले, उसके दौरान और बाद में क्या होता है, इस बारे में सटीक जानकारी को प्रभावी ढंग से संप्रेषित करने पर कहानियाँ और रणनीतियाँ प्रदान कीं। इसके अतिरिक्त, “साइबर सुरक्षा: महंगी परन्तु आवश्यक” विषय पर आयोजित सत्र में सरकारों और स्कूलों के समक्ष साइबर हमलों के उच्च जोखिम तथा उनकी रोकथाम, उनके विरुद्ध बीमा कराने और उनसे उबरने की बढ़ती लागत पर चर्चा की गई।
इन सत्रों में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की भागीदारी ने निस्संदेह उनकी विधायी अंतर्दृष्टि को और भी बेहतर बनाया है और भारत में अपने-अपने राज्यों में सकारात्मक परिवर्तन लाने के उनके चल रहे प्रयासों में योगदान दिया है। अपने संस्थापक राहुल कराड के नेतृत्व में एन.एल.सी. भारत ने इस पहल के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय विधायी संबंधों को और भी बेहतर बनाया है। इन प्रयासों का उद्देश्य ज्ञान के आदान-प्रदान, नीति के विकास और लोकतांत्रिक संस्थानों को सशक्त बनाने के लिए एक मंच प्रदान करना है। एन.सी.एस.एल. अमरीका के साथ सहयोग नए युग की विधायी चुनौतियों और अवसरों को संबोधित करने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व पर प्रकाश डालता है।
एन.सी.एस.एल. विधायी शिखर सम्मेलन 2024 में डॉ. अदिति आर. कराड, डॉ. अशोक जोशी, श्री आशिम पाटिल, श्री विनोद सुब्रमण्यम, श्री लक्ष्मण बदीम, प्रो. गौतम बापट, श्री दिनकर खरात और श्री सुभाष जायसवाल सहित प्रतिष्ठित प्रतिनिधि भी शामिल हुए। उनकी भागीदारी ने शिखर सम्मेलन की चर्चाओं को महत्व प्रदान किया और इस आयोजन की समग्र सफलता में योगदान दिया।