विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर इस्लामाबाद से भारत लौटे, जहां उन्होंने SCO की 23वीं बैठक में हिस्सा लिया। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत का पक्ष रखा और आठ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए।
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर: विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर पाकिस्तान के इस्लामाबाद से भारत के लिए रवाना हो गए हैं। उन्होंने
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा
, “इस्लामाबाद से रवाना हो रहा हूँ। आतिथ्य और शिष्टाचार के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार, तथा पाकिस्तान सरकार का धन्यवाद।”
डॉ. जयशंकर ने यहां शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की परिषद के शासनाध्यक्षों की 23वीं बैठक में हिस्सा लिया। इस सम्मेलन में उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा कि SCO के चार्टर में आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद को स्पष्ट रूप से चुनौती माना गया है। उन्होंने कहा, “यदि सीमा पार से इस तरह की गतिविधियां होती रहेंगी, तो सहयोग, विशेषकर क्षेत्रीय सहयोग, संभव नहीं है। यह सहयोग आपसी सम्मान और संप्रभुता पर आधारित होना चाहिए।
इस सम्मेलन का आयोजन इस्लामाबाद के जिन्ना कन्वेंशन सेंटर में किया गया था। विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने बैठक के दौरान भारत के योगदान को उजागर करते हुए 8 दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए। शिखर सम्मेलन के समापन दिवस पर किए गए विचार-विमर्श के बारे में
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर
डॉ. एस जयशंकर ने “सकारात्मक और रचनात्मक योगदान” पर भारतीय परिप्रेक्ष्य से आठ प्रमुख बातें भी साझा की।
बैठक में, विदेश मंत्री ने “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” के विषय पर एक संवाद विकसित किया, साथ ही एससीओ स्टार्टअप फोरम और पारंपरिक चिकित्सा जैसी भारत की पहलों के परिणामों के बारे में बताया, जिसे सदस्य राज्यों से समर्थन प्राप्त हुआ।
उन्होंने एससीओ सहयोग ढांचे के एक पहलू के रूप में डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे (DPI) और डिजिटल समावेशन का उल्लेख किया। वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पड़ोसी अफगानिस्तान में स्थिरता पर जोर दिया और जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर चर्चा की, जिसे उन्होंने अस्तित्व का संकट बताया और पाकिस्तान में आई 2022 की बाढ़ का उल्लेख किया।